पहले कल वाले एक रुपया का पेंच सुलझा लिया जाए और फिर स्लॉग ओवर में दो रामबाण नुस्खे…संगीता पुरी जी, राजीव तनेजा भाई, उन्मुक्त जी, राज भाटिया जी और जी के अवधिया जी ने 45 रुपये का तोड़ निकाल कर सवाल को करीब-करीब सुलझा ही लिया…लेकिन मेरे मोटे भेजे में बात आसानी से आती नहीं…सब के फॉर्मूले देने के बाद भी दिमाग का कीड़ा शांत नहीं हुआ…
ऐसे में फिर वही काम आई जिसने ये सारा टंटा शुरू किया था…यानि मेरी बिटिया पूजन…मुझे परेशान देखकर आखिर बिटिया रानी को तरस आया और उसने के जी के बच्चे की तरह मुझे समझाना शुरू किया…पचास रुपये की दो घड़ी तो एक घड़ी कितनी की हुई…मैंने कहा 25 रुपये की…उसने कहा बिल्कुल ठीक है (जैसे मेरे लिए ये सवाल हल करना ही गुल्ली जैसा हो)…फिर बोली…दुकानदार ने पांच रुपये वापस करने को कहा तो दो घड़ियों की सही कीमत क्या हो गई…मैंने झट से रामानुजन या शकुंतला देवी वाले स्टाइल में जवाब दिया…45 रुपये….बिटिया ने फिर शाबाशी दी और पूछा दो घड़ियों 45 रुपये की तो एक घड़ी की सही कीमत…मैंने थोड़ा सोचा…(अमा भाग करने में थोड़ा टाइम तो लगता है)…फिर जवाब दिया 22 रुपये 50 पैसे …अब बिटिया ने फिर समझाते हुए कहा…नौकर ने 3 रुपये अपने पास रख लिए थे…तो दोनों घड़ियां की कीमत डेढ़-डेढ़ रुपया और बढ़ गई…मैंने अच्छे बच्चे की तरह हां में मुंडी हिलाई…बिटिया ने फिर कहा…अब एक घड़ी कितने की हो गई…मैंने फिर ट्यूबलाइट की तरह चमकते हुए कहा 24 रुपये…बिटिया से फिर तारीफ मिली…अब उसने कहा…एक घड़ी 24 की तो दो कितने की…थोड़ा टाइम लेते हुए मैंने कहा…48 रुपये…. बिटिया ने कहा बिल्कुल ठीक.. नौकर ने कितने रुपये वापस दिए थे…मैंने कहा…2 रुपये…बिटिया…48 और 2 कितने होते हैं…मैंने कहा 50 रुपये…
बिटिया…फिर परेशानी क्या है…एक रुपये के पीछे क्यों तूफान खड़ा कर रखा है….मैंने अनिल पुसदकर जी वाले स्टाइल में जवाब दिया…धन्य हो मेरी मां…ये कहानी कल ही समझा देती तो क्यों एक रुपये के पीछे ये सारा फच्चर फंसता…
स्लॉग ओवर
1. बच्चा अगर मिट्टी खाता है तो क्या करें…
बच्चे को डाइनिंग टेबल पर आराम से बैठाएं…एक प्लेट में मिट्टी डाले और चम्मच के साथ उसे खाने के लिए पेश करें…साथ ही कहें…बेटा जितनी मर्जी मिट्टी खाओ लेकिन मैनर्स के साथ…फिर देखिए बच्चा मिट्टी के पास कभी फटकेगा भी नहीं….
2. दूध वाला अगर दूध में पानी मिलाता है तो क्या करें…
सुबह दूध वाला आए तो उससे कहिएगा…भईया आज से जो दूध तुम 28 रुपये लीटर देते हो, उस भाव में हम ये दूध नहीं लेंगे…हम तुम्हे एक लीटर दूध के 40 रुपये दिया करेंगे…दूध वाला भैया ये सुनकर थोड़ा हैरान-परेशान होगा…फिर उसकी परेशानी भांपते हुए कहिए…भइया ये फालतू के पैसे इसलिए हैं कि तुम हमारे दूध में मिनरल वाटर मिलाया करो…ये सरकारी नलकों से आने वाले पानी पर हमें कोई भरोसा नहीं है…फिर देखिए अगले दिन से दूध की क्वालिटी…
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