सर्जरी हो गई है…गाल ब्लैडर रिमूव करने के साथ जिन दो स्टोन्स ने पिछले तीन महीने से परेशान कर रखा था, वो भी निकाल दिए गए हैं…सर्जरी के बाद पिछले पांच दिन से पेट में डला हुआ एक ड्रेन भी निकाला गया…सर्जरी तो ज़ाहिर है एनेस्थीसिया के असर में हुई थी, क्या हुआ था कुछ पता नहीं चला…लेकिन मेरे होशोहवास में सर्जन ने जब पेट से एक झटके में ड्रेन निकाला तो कुछ क्षणों के लिए हुए भीषण दर्द ने सारे पूर्वज याद दिला दिए…
सर्जन ने हैवी पेन किलर देते हुए एक हफ्ता और आराम के लिए कहा है…अभी कमज़ोरी काफ़ी है…इसलिए वक्त बेड पर लेटे ही गुज़र रहा है…नेटपर भी कुछ देर में थक जाता हूं, पहली बार लेटे लेटे सर्फिंग करते टीवी देखने पर पता चल रहा है कि केबल वाला कितने चैनल दिखाता है…
रिमोट के बटन बार बार बदलता हूं तो हर तीसरे चौथे चैनल पर रानी मुखर्जी पर फिल्माया अय्या फिल्म का गाना दिख रहा है…
ड्रीमम वेक अपम क्रिटिकल कंडीशनम,
अर्थम क्वेकपम हिल ढुल सब शेकअपम…….. …
गाने के बोल हालिया हिट हुए वाय दिस कोलावरी, कोलावारी, कोलावरी डी जैसे ही साउथ चार्टबस्टर की याद दिला रहे हैं…इससे पहले दर्द से मेरा भी सब हिल ढुल सब शेक अपम करने लगे, इस पोस्ट को यही विराम देता हूं…पूरी तरह ठीक होने पर इस गाने पर विस्तार से कुछ मज़ेदार ज़रूर लिखूंगा, ये वादा रहा…
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