हमीं से मुहब्बत, हमीं से लड़ाई…खुशदीप

हमीं से मुहब्बत, हमीं से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…

करुणानिधि ने यूपीए से नौ साल के हनीमून के बाद नाता तोड़ लिया…करुणानिधि ने वही श्रीलंकाई तमिल कार्ड खेलने की मंशा से दांव चला है जो वो पिछले कई चुनाव से आज़माते आ रहे हैं…जिस मांग पर उन्होंने यूपीए से समर्थन वापस लिया वो ज़ाहिर है विदेश नीति को ताक पर रख देने वाली थी…सरकार बचाने के लिए अब कांग्रेस की सारी उम्मीदें मायावती और मुलायम सिंह यादव पर हैं…

लेकिन सोनिया भी जानती हैं कि माया-मुलायम के वेंटिलेटर के ज़रिए सरकार ज़्यादा दिनों तक सांस नहीं ले सकतीं…उधर पवार भी कभी भी वार करने के लिए तैयार बैठे हैं…इसलिए सोनिया अपनी पार्टी के सांसदों को चुनाव के लिए तैयार रहने का आह्वान पहले ही कर चुकी हैं…दिल्ली का सियासी पारा अब कुछ दिनों तक उफ़ान पर रहेगा…हो सकता है कि नतीज़ा जल्दी लोकसभा चुनाव के तौर पर निकले…ख़ैर जो होगा, सो होगा, फिलहाल तो गठबंधन की राजनीति में रूठने-मनाने पर दिलीप कुमार की फिल्म लीडर (1964) का ये गाना बड़ा सटीक बैठ रहा है….

हमीं से मुहब्बत, हमीं से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…
अभी नासमझ हो उठाओ ना खंजर,
कहीं मुड़ ना जाए तुम्हारी कलाई…
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…


सितम आज मुझ पर जो तुम ढहा रही हो,
बड़ी खूबसूरत नज़र आ रही हो,
ये जी चाहता है के खुद जान दे दूं, 
मुहब्बत में आए ना तुम पर बुराई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…


हमें हुस्न की हर अदा है गवारा,
हसीनों का गुस्सा भी लगता है प्यारा.
उधर तुम ने तीर-ए-नज़र दिल पे मारा,
इधर हमने भी जान कर चोट खाई,
हमी से मुहब्बत, हमी से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…




करो ख़ून तुम यूं ना मेरे जिगर का,
बस एक वार काफ़ी है तिरछी नज़र का,
यही प्यार को आज़माने का दिन है
किए जाओ हम से यूहीं  बेवफ़ाई…
हमीं से मुहब्बत, हमीं से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…
अभी नासमझ हो उठाओ ना खंजर,
कहीं मुड़ ना जाए तुम्हारी कलाई…
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…


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