“सरगट” और “नागपाश में स्त्री”…खुशदीप

वरिष्ठ पत्रकार, कथाकार, स्त्री विमर्श के लिए प्रतिबद्ध लेखिका व आउटलुक, हिन्दी की सहायक संपादिका गीताश्री को उनकी सम्पादित पुस्तक ‘नागपाश में स्त्री’ के लिए वर्ष 2011 का सृजनगाथा सम्मान दिए जाने की सूचना ब्लॉगजगत के ज़रिए आपको पहले ही मिल गई होगी…ये भी आपको पता चल गया होगा कि गीताश्री को ये सम्मान बैंकॉक, थाइलैंड में चौंथे हिंदी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान 17 दिसंबर, 2011 को दिया जाएगा…

गीताश्री को ब्लॉगजगत की ओर से बहुत-बहुत बधाई…लेकिन मेरी इस पोस्ट का आशय बधाई के साथ आपको कुछ खास पढ़ाना भी है…ये गीताश्री का ही एक लेख है जिसे मुझे जानकीपुल के प्रभात रंजन के ब्लॉग पर पढ़ने का अवसर मिला…पूरा लेख पढ़ने के लिए लिंक इस पोस्ट के नीचे दे रहा हूं…रचनात्मकता का अंधड़ क्या होता है, ये बताने के लिए मैं गीताश्री के लेख की कुछ पंक्तियां ही यहां दे रहा हूं…

मैं अपनी छोटी-सी दुनिया में ‘कविता लिखने वाली लडक़ी’ के नाम से जानी जाती थी। कहानियां कहीं पीछे छूट गईं। एक बार उसका सिरा मिला। ‘कटरा’ मुजफ्फरपुर जिले का एक कस्बा है। वहां एक कामवाली आती थी। उसका नाम था ‘सरगट’। गरमी की दोपहरी में वह अपने जीवन की दिलचस्प घटनाएं सुनाया करती थी। मुझे उसकी बातें दिलचस्प लगतीं। उसका नाम जरा अटपटा सा था। कभी सुना नहीं। आज तक नहीं सुना। ‘सरगट’- अजीब सी ध्वनि आती। 40 वर्षीय उसी मरियल सी ‘सरगट’ ने बताया कि उसके इलाके में एक चिडिय़ां पाई जाती है। बेहद मरियल-सी, बेनूर चिडिय़ां। सरगट जब पैदा हुई तो बेहद मरियल और बदशक्ल थी। घरवालों ने ‘प्यार’ से उसका नाम उसी चिडिय़ा के नाम पर रख दिया। मैं बहुत बाद तक उस इलाके में ‘सरगट’ चिडिय़ों को तलाशती रही, नहीं दिखी। पता नहीं ऐसी कोई चिडिय़ा होती भी है या नहीं। ‘सरगट’ की कहानी मैंने होस्टल के दिनों में इसी नाम से लिखी। बदशक्ल होने के कारण सरगट का जीवन कैसे नरक में बदल गया था। इसकी दहला देने वाली दास्तान मुझे भीतर तक हिला गई थी। तभी मुझे लगा कि इस दुनिया में एक स्त्री का सुंदर होना कितना जरूरी होता है। खासकर कस्बाई इलाकों में। अब भले रूपरंग के मायने बदल गए हों। शहरों में स्मार्टनेस और सुंदरता के खांचे अलग-अलग बना दिए गए हैं। गांव-कस्बों में गोरी चमड़ी सुंदरता का पैमाना मानी जाती है पिछड़े इलाकों में आज भी। सरगट की कहानी पता नहीं कहां गई।
……………………………………………
जब मेरी कहानियों की स्त्रियां वाचाल दिखाती है, तब उनकी इस वाचालता की तह में जाना जरूरी है। (चिडिय़ाएं जब ज्यादा चहचहाती है तो यह न समझिए कि वे उत्सव मना रही हैं। वे यातना में होती हैं। शायद उन्होंने किसी भयानक जानवर को देख लिया है। उनकी चहचहाहट में छिपी ‘मौन यातना के अवशेषों’ को रेखांकित करने की कोशिशें भी कहानियां बन जाती है।)
……………………………………………
परंपरावादियों को यह दृष्टि बहुत ‘अश्लील’ लगती है। ठीक वैसे ही जैसे कभी मंटो की कहानियों पर भौंहे तनी थीं। परंपरावादियों ने उन्हें अदालत में घसीटा था। एक वाकया हाल ही में मैंने कहीं पढ़ा। अदालत में एक व्यक्ति ने मंटो से कहा कि आपकी कहानी से ‘बू’ तो बड़ी बदबू फैलाती है। मंटो ने कहा, ‘तो आप ‘फिनाइल’ लिख दें।’ इसे मेरा भी जवाब माना जाना चाहिए। उन तमाम शुचितावादियों और पुरुषदंभियों को हमारे लिखे से बदबू आनी ही चाहिए। हमारा लिखना सार्थक ही तभी माना जाएगा।
……………………………………………………………..

गीताश्री के शब्द-सृजन में पूरी तरह डूबने के लिए प्रभात रंजन जी से साभार लिए इस लिंक पर जाइए…और वहां टिप्पणी के ज़रिए अपनी राय देना न भूलिएगा…
 
रचनात्मकता एक अंधड़ है मेरे लिए…

Khushdeep Sehgal
Follow Me
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
-सर्जना शर्मा-

गीता श्री को सृजनगाथा सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई . आशा है अपने आस पास के अन्य किरदारों को भी गीता शब्दों में ढालेंगीं ।

shikha varshney
13 years ago

गीता श्री जी का व्यक्तित्व भी प्रभावशाली है.उन्हें ढेरों बधाई एक बार फिर.

Rakesh Kumar
13 years ago

गीताश्री जी को बहुत बहुत हार्दिक बधाई.
गीताश्री जी बहुत अच्छा लिखतीं हैं.

Atul Shrivastava
13 years ago

बधाई हो गीताश्री जी को….

आपका आभार…..

Shah Nawaz
13 years ago

गीताश्री जी को बहुत-बहुत मुबारकबाद! ऊपर की पंक्तियाँ बहुत कुछ कह रही हैं…

प्रवीण पाण्डेय

अधिक बोलना मन के भावों को मन में न रख पाने की असमर्थता दिखाता है, सुख यो पीड़ा, कुछ भी।

अजित गुप्ता का कोना

गीताश्री जी को बधाई।

Satish Saxena
13 years ago

गीताश्री की रचनाएं अपना प्रभाव छोडती हैं ….
इस सम्मान के लिए बधाई !

देवेन्द्र पाण्डेय

गीता श्री को पढ़ना मुझे भी अच्छा लगता है। इस पोस्ट के माध्यम से मेरी बधाई भी उन तक पहुंचे।..आभार जानकारी देने के लिए।

अनुपमा पाठक

गीताश्री जी को बधाई!
आपका आभार इस प्रस्तुति के लिए!

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x