यू.एस.ए.बॉर्न इन यू.एन…खुशदीप

गुरुदेव समीर लाल जी की आज पोस्ट द सर्टिफाइड साहित्यकार- (हि.) पढ़ी…बड़े दिनों बाद गुरुदेव ने गु.गु. कर पे.में.ब. डाल देने वाली रचना लिखी है…

वाकई डिग्रियों के शार्टकट की महिमा अपरम्पार है…आज गुरुदेव की रचना पर ललित शर्मा भाई ने ब्ला. ललित शर्मा लिखा तो पढ़कर मन गद्गद् हो गया…चलो डॉ. या इं. न सही अब शान के साथ नाम के आगे ब्ला. तो लिख पाएंगे…ब्ला. खुशदीप सहगल…एक बार नाम लिख कर भी देखा…सीना छह इंच चौड़ा हो गया…ऐसा करते वक्त बचपन की वो शेखियां याद आ गई जब ध्यान पढ़ाई पर कम होता था लेकिन नाम के आगे डॉ और पीछे एम.बी.बी.एस. लगा कर कॉपी पर खुद ही लिख-लिख अपने मनमयूरा को नचाते रहते थे…बड़े होकर डॉक्टर तो बने नहीं हां एम.बी.बी.एस. ज़रूर बन गए…एम.बी.बी.एस. बोले तो मैं बीवी, बच्चों का सेवक…

ललित भाई ने गुरुदेव की पोस्ट पर कमेंट में ताकीद भी किया है कि ब्ला. के अन्वेषणकर्ता का श्रेय सिर्फ उन्हें ही दिया जाए…मैं ललित भाई की इस खोज़ को नोबेल पुरस्कार समिति के पास भेजने के लिए प्रपोजल तैयार करने में जुटा ही था कि कुछ सोच कर मेरे उत्साह की उड़ान वैसे ही धम से ज़मीन पर आ गिरी जैसे इसरो की फ्लाईट कई बार आकाश की ओर जाने की जगह समुद्र के धरातल की ओर जाने का मन बना लेती हैं…ब्लॉगर की शान जताने वाली डिग्री ब्ला. को मैंने दोबारा पढ़ा…अचानक दिमाग में कौंधा कि अगर किसी ने ब्ला. का मतलब कुछ और निकाल लिया तो…

ब्ला. यानि बलात्कारी…ये सोचते ही ब्ला. खुशदीप सहगल जहां लिखा था, उसे तब तक पेन से काटता रहा जब तक पूरी तरह गुचड़-मुचड़ नहीं हो गया…इसलिए ललित भाई इस ब्ला. को बाई लॉ बनाने से पहले बाई बाई कर देना ही बेहतर है…

चलिए अब आता हूं, इस पोस्ट के शीर्षक पर यू.एस.ए बॉर्न इन यू.एन. पर…अब उल्हास नगर में जन्मे उमेश संपत अजवाणी अपने नाम को इस तरह लिखना शुरू कर दें तो यू.एस.ए. या यू.एन. उनका क्या बिगाड़ लेंगें…मित्र देशों के साथ मिलकर उमेश भाई के घर पर ड्रोन हमले थोड़े ही करवाना शुरू कर देंगे…

क्लेमेंटटाउन की यू.के. में लोकेशन

एक और अपने साथ पेश आये वाकये का ज़िक्र करता हूं…इसने वाकई मुझे भी चकरा दिया था…बचपन के एक दोस्त ने अपना पता लिख कर भेजा…क्लेमेंटटाउन (यू.के.)…मैं ये जानकर बड़ा  इतराया कि चलो बचपन में निकर को दोनों हाथों से पकड़ कर घूमने वाला दोस्त विलायत जा बसा है…कभी इंग्लैंड जाने का मौका मिला तो फ्री में दो-चार दिन रहने का जुगाड़ तो हो जाएगा…लेकिन कई दिन बाद दोस्त की हक़ीक़त खुली तो सारी खुशी एक झटके में ही काफ़ूर हो गई…क्लेमेंटटाउन इंग्लैंड में नहीं यही देहरादून का कैंट एरिया है…और यू.के. का मतलब भी यूनाइटेड किंगडम नहीं उत्तराखंड है…वैसे ये दोस्त महाराज बचपन में भी बड़े चालू थे…मेरठ के लाल कुर्ती इलाके में हंडिया मोहल्ले में रहते थे…लेकिन जब पता लिखते थे तो हंडिया मोहल्ले को Mohallae Handian लिखते थे…टोकने पर कहते थे, समझा करो यार…इम्प्रेशन पड़ता है….

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CURRENT POLITICAL SCENARIO IN A NUT-SHELL..KHUSHDEEP

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