न्यूज़ एंकर अमन चोपड़ा की राजस्थान पुलिस को तलाश

अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी को लेकर राजस्थान के डूंगरपुर और यूपी के नोएडा की पुलिस उलझीं, चोपड़ा पर टीवी पर अपने बयान से दो समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाने का आरोप, राजस्थान हाईकोर्ट ने दो मामलों में गिरफ्तारी पर लगाई रोक लेकिन डूंगरपुर FIR पर वारंट का सामना



नई दिल्ली (9 मई)।

दिल्ली बीजेपी नेता तेजिंदर सिंह बग्गा को लेकर पंजाब, दिल्ली और हरियाणा राज्यों की पुलिस का उलझना अभी सुर्खियों में ही है कि अब ऐसा ही नया मामला नोएडा स्थित एक न्यूज़ चैनल के एकंर की गिरफ्तारी के लिए राजस्थान पुलिस की कोशिशों को लेकर सामने आया है. ये मामला न्यूज़ 18 इंडिया के एंकर अमन चोपड़ा से जुड़ा है. 7 मई को राजस्थान की डूंगरपुर पुलिस अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी के लिए नोएडा पहुंची थी. जब पुलिस चोपड़ा के घर पहुंची तो वहां ताला लगा हुआ था. डूंगरपुर पुलिस अमन चोपड़ा का पता लगाने के लिए सभी संभावित स्थानों की तलाश कर रही है. 

अमन चोपड़ा के खिलाफ राजस्थान के बूंदी, अलवर और डूंगरपुर जिलों सहित देशद्रोह, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और आईटी एक्ट के तहत 23 अप्रैल को विभिन्न धाराओं के तहत तीन एफआईआर दर्ज की गई,  राजस्थान हाईकोर्ट  ने बूंदी और अलवर जिलों में उनके खिलाफ दर्ज दो एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी , लेकिन डूंगरपुर जिले में एक स्थानीय अदालत के आदेश के बाद उन्हें गिरफ्तारी वारंट का सामना करना पड़ रहा है.

चोपड़ा ने अपने एक शो में कथित तौर पर दावा किया था कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का बदला लेने के लिए अलवर के राजगढ़ में एक सदियों पुराने मंदिर को विध्वंस किया गया. लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने का काम 17-18 अप्रैल 2022 को हुआ था जबकि दिल्ली के जहांगीरपुरी में ऐसी कार्रवाई 20 अप्रैल को हुई थी. 

अलवर की एडीएम सुनीता पंकज की ओर से राजगढ़ में हुई कार्रवाई पर  से कहा गया था कि वहां तीन मंदिरों में दो निजी और एक मंदिर नाले पर बना था और प्रशासन ने लोगों से पूरी सहमति लेने के बाद वहां से मूर्तियां हटाई थीं. सुनीता पंकज ने बयान में ये भी कहा था कि मंदिरों का निर्माण गैर विवादित ज़मीन पर लोगों और म्यूनिसिपेल्टी के बीच समुचित करार से कराया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डूंगरपुर के एसपी सुधीर जोशी का नोएडा पुलिस से सहयोग के बारे में कहना है कि उनकी टीम को रोक दिया गया और गिरफ्तारी वारंट पर सीधे कार्रवाई करने से पहले एक स्थानीय पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा गया. जोशी के मुताबिक वो यह नहीं कह सकते कि यह पूरा सहयोग  है.” उन्होंने कहा कि नोएडा पुलिस को मामले के विवरण के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था और यह दूसरी बार था जब पुलिस टीम अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी के लिए गई थी.

 वहीं सेंट्रल नोएडा के ACP-2 योगेंद्र सिंह का कहना है कि राजस्थान पुलिस की टीम दोपहर 3 बजे अमन चोपड़ा के लिए गैर जमानती वारंट लेकर आई थी तो स्थानीय दो पुलिसकर्मी  साथ भेजे गए लेकिन, अमन चोपड़ा के घर पर ताला लगा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया और लौट आई। योगेंद्र सिंह ने राजस्थान पुलिस के इन आरोपों को गलत बताया कि नोएडा पुलिस ने पूरा सहयोग नहीं दिया.

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