88 साल में पहली बार रणजी चैंपियन बना MP

बैंगलोर के एम चेन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश की टीम ने रविवार 26 जून को इतिहास रच दिया. 88 साल में पहली बार मध्य प्रदेश को रणजी ट्रॉफी जीतने का गौरव हासिल हुआ. फाइनल में दूसरी पारी में मध्य प्रदेश के सामने जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला था जो उसने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया. मैच के पांचवें और आखिरी दिन मध्य प्रदेश को क्रिकेट पावरहाउस माने जाने वाली मुंबई पर छह विकेट से मिली जीत पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीम और इसके कोच चंद्रकांत पंडित को बधाई दी है.

मध्य प्रदेश की इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही टीम के कोच और भारत के पूर्व विकेट कीपर चंद्रकांत पंडित का बड़ा सपना पूरा हुआ. विनिंग शॉट टीम की ओर से रजत पाटीदार के बैट से सरफराज खान की गेंद पर सिंगल लेकर निकला.

इस मैच में मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. टीम ने सरफराज खान (134) के शतक और यशस्वी जायसवाल (78) की शानदार पारी की बदौलत 347 रन बनाए. इसके जवाब में मध्य प्रदेश ओपनर यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार के शतकों के दम पर मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया. इससे एमपी ने आधा काम तो कर ही दिया था, क्योंकि अगर मैच ड्रॉ भी होता तो भी उसे ही विजेता घोषित किया जाता. मुंबई की दूसरी पारी 269 रन पर सिमटी जिससे मध्यप्रदेश को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला. मध्यप्रदेश ने 4 विकेट खोकर 29.5 ओवर में ही इसे हासिल कर लिया और अपना पहला रणजी खिताब जीता. रजत पाटीदार 30 जबकि कप्तान आदित्य श्रीवास्तव 1 रन बनाकर नाबाद लौटे. पहली पारी में 116 और दूसरी पारी में 30 रन बनाने वाले शुभम शर्मा को प्लेयर का अवार्ड मिला.

मौजूदा रणजी ट्रॉफी सीजन में मध्यप्रदेश के सफर की बात करें तो उसने केवल केरल से 1 ड्रॉ खेला जबकि बाकी सभी मैचों में जीत हासिल की. फाइनल में पहुंचने से पहले मध्य प्रदेश ने गुजरात, मेघालय को ग्रुप मैचों में, फिर क्वार्टर फाइनल में पंजाब और सेमीफाइनल में बंगाल को हराया.